भारत की कम्युनिस्ट पार्टियों और अपने दूसरे दलालों के मार्फ़त अब तक भारत को अमेरिकी परमाणविक संधि से वंचित रखने के अपने मंसूबे में नाकामयाब हो जाने के बाद चीन अब खुल कर संधि का विरोध करने लगा है। आज उसने अपने विभिन्न संचार माध्यमों से दुनिया के सामने जता दिया की वह इस संधि से खुश नहीं है।
हो सकता है भारत को इस कारण संधि को लागू कराने में अधिक समय तक इन्तेजार करना पड़े।
उधर प्रस्ताव का विरोध कर रहे न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप के अन्य देशों ने भी संधि पर अमेरिका के परिवर्तित प्रस्ताव को अभी तक स्वीकार नहीं किया है.
Tuesday, September 2, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment