Sunday, September 14, 2008

जयपुर की श्वांस धाराएँ बन गए हैं अजमेर और सीकर रोड

जयपुर में महिंद्रा के विशेष आर्थिक ज़ोन जैसी परियोजनाओं के बदौलत अजमेर रोड और मूलतः आवासीय परियोजनाओं के बदौलत सीकर रोड पर इतनी तेजी से विकास कार्य चल रहे हैं कि इन्हें हम आज जयपुर कि मुख्य धमनियां कह सकते हैं।
हाल के दिनों में शहर में आवासीय परियोजनाओं में काफी मंदी कि बातें कि जा रही हैं। एकमात्र आर्थिक रूप से समर्थ कोलानेजर्स को छोड़ बाकी छुटभैयों कि हालत ख़राब है। ऐसे में बड़े बिल्डरों कि जारी परियोजनाएं ही शहर की आन रखे हुए हैं।
प्रापर्टी के धंधे से जुड़े लोगों के मुताबिक मांग में मंदी तो है पर कीमतों में कोई विशेष गिरावट न तो है न होने की कोई बड़ी आशंका ही है। मांग में कमी आने से सिर्फ़ इतना हुआ है कि बेतहाशा बढ़ती कीमतों को थोड़ा लगाम लग गया है। यह लगाम तो आख़िर कभी न कभी लगना ही था। अर्थशास्त्र के नियम भी यही कहतें हैं कि किसी भी चीज या सेवा की कीमतें अनवरत नहीं बढ़ सकतीं। कीमतों को विराम लेना ही पड़ता है। इस सिद्धांत के मुताबिक अगले कुछेक महीनों में प्रोपर्टी की कीमतें एक बार फ़िर बढ़नी चाहिए.

7 comments:

शोभा said...

वाह ! बहुत सुंदर लिखा है. आपका स्वागत है

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

अच्छी शुरुआत है। ...स्वागत और शुभकामनाएं!

شہروز said...

श्रेष्ठ कार्य किये हैं.
आप ने ब्लॉग ke maarfat जो बीडा उठाया है,निश्चित ही सराहनीय है.
कभी समय मिले तो हमारे भी दिन-रात आकर देख लें:

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Udan Tashtari said...

हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.

वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.

राजेंद्र माहेश्वरी said...

आपका स्वागत है

Kavita Vachaknavee said...

नए चिट्ठे का स्वागत है.
निरंतरता बनाए रखें.
खूब लिखें, अच्छा लिखें.

प्रदीप मानोरिया said...

आपका ब्लॉग जगत में स्वागत है आप हिन्दी में लिखते हैं खुशी की बात है हमारे ब्लॉग पर भी पधारें