पेट्रोलियम की कीमतों में कमी के बावजूद देश के शेयर बाजारों में नरमी का रुख आज भी बना रहा। केन्द्र में आगामी चुनावों में कांग्रेस की वापसी की उम्मीदों के कमजोर पड़ते चले जाने से भी आशंकाएं पनपने लगीं हैं। दलालों और बड़े निवेशकों में अगली सरकार के बारे में अनिश्चितता है। बाजार को भाजपा के अकेले अपने बूते सरकार बना लेने की संभावना पर भी कम ही भरोसा है।
यदि वामपंथियों और समाजवादियों के धड़ों के भरोसे मायावती के केन्द्र में सबल होने की आशंका पनपती है तो यह शेयर बाजार के लिए बुरी ख़बर ही है।
व्यापक महंगाई ने भी बाजार में मांग पर नकारात्मक असर डाला है। कई प्रमुख विश्लेषकों का मानना है किशेयर मूल्यों में नरमी का रुख अभी जारी रहेगा।
Monday, September 15, 2008
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