केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने कहा है कि आतंकियों के मसले पर अलग से किसी कठोर कानून कि कोई जरूरत नहीं है। सनद रहे कि गुजरात सहित भाजपा शासित कई राज्य सरकारों ने महाराष्ट्र कि तर्ज पर सख्त कानून पारित करने कि मांग कर राखी है। केन्द्र ने उन्हें खारिज कर दिया है जबकि महाराष्ट्र में ऐसा कानून बाकायदा लागू है। इतना ही नहीं सरकार ने आतंकवाद निरोधी कानून (पोटा) भी खत्म कर दिया है।
श्री पाटिल ने स्वीकार किया कि केन्द्र सरकार को दिल्ली में हमले कि आशंका के बारे में पहले से चेतावनी तो मिल गई थी, लेकिन सटीक तारीख और स्थान के बारे में नहीं पता था।
पाटिल के इन बयानों कि काफी तीखी आलोचना हुई है। विपक्षियों ने पाटिल का उपहास करते हुए पूछा कि क्या उनकी सरकार आतंकियों से तारीख, समय और ठिकाना बता कर हमले करने कि आस करती है।
विस्फोट वाले दिन कुछ ही मिनटों के अन्तराल से कई बार पोशाकें बदले जाने को लेकर हो रही आलोचना के जवाब में पाटिल ने कहा कि आप हमारी नीतियों कि आलोचना करें, मेरे पोशाकों कि नहीं।
विपक्ष कि उनकी इस्तीफे कि मांग पर बोलते हुए पाटिल ने कहा कि मुझे सोनिया गाँधी का आशीर्वाद प्राप्त है। मुझे कोई नहीं हटा सकता। विपक्ष कि मांग कि मुझे कोई परवा नही है।
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