दिल्ली विस्फोटों के मास्टर माईंड अब्दुस subhan कुरैशी का अभी तक अता-पता नहीं मिला है। यह आदमी इंडियन मुजाहिदीन और ऐसे ही कई अन्य संगठनों के पीछे की प्रमुख शक्ति बताया जाता है। राजनीति में इसके कई पैरोकार हैं जो मुस्लिम वोटों के खातिर इसकी गिरफ्तारी के खिलाफ हैं।
याद रहे उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह ने अपनी सरकार बनते ही सिमी पर से प्रतिबन्ध उठा लिया था और वे आज भी सिमी की वकालत करते हैं। यही मुलायम सोनिया के साथ सौदा करके मनमोहन सिंह की सरकार को बचने के लिए आगे आए थे। गुजरात में हुए विस्फोटों के सन्दर्भ में गिरफ्तार संदिध आतंकियों के परिवारों के साथ सहानुभूति जताने के लिए कांग्रेस के कई दिग्गज भी उनके गाँव जाकर मिले थे। सवाल है कि क्या सरकार ऐसे में सचमुच ही सत्तार जैसे आतंकियों कि गिरफ्तारी कर सकेगी?
वैसे दिखावे के लिए सरकार इंटरपोल को भी सत्तार कि गिरफ्तारी के लिए सूचना जारी कर चुकी है। इंटरपोल देश के बाहर निकल गए अपराधियों को पकड़ने में मदद करती है। सत्तार के बारे में अनुमान है कि वह भारत कि सीमा में ही मौजूद है। तो क्या इंटरपोल को बीच में घसीटना राजनीति की नौटंकी है?
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