दुनिया के सबसे बड़े इनवेस्टमेंट बैंकरों में गिने जानेवाले लीमन ब्रदर्स ने आज ख़ुद को दीवालिया घोषित कराने का इरादा जता दिया। इस घटना के बाद आज का दिन अमेरिकी बैंकिंग के इतिहास में काला सोमवार के नाम से याद किया जायगा।
अमेरिकी कानूनों के मुताबिक यह बैंकर अब चैप्टर ११ के तहत अपने को दीवालिया घोषित करने के लिए सरकार से अनुरोध करेगा।
लीमन का भारत में भी काफी कारोबार रहा है। बाजार के सूत्रों के मुताबिक बैंक का भारतीय कंपनियों में निवेश ही करीब १००० करोड़ रूपये से भी अधिक था। शुक्र है यह संस्था पिछले करीब एक महीने से अपने निवेश भर को लगातार कम कर रही थी। बताया जाता है कि कंपनी ने अकेले पिछले कुछेक हप्तों में ही ४०० करोड़ रूपये से भी अधिक के शेयरों कि बिकवाली की है।
फ़िर भी लीमन ब्रदर्स के फेल होने के कारण भारतीय कंपनियों का प्रत्यक्ष नुकसान २००० रूपये से ज्यादा हो सकता है। अभी अप्रत्यक्ष नुकसान के आकलन का कोई उपाय नही है।
आज ही के दिन अमेरिकी निवेश बाजार को हिला के रख देनेवाली एक और बड़ी घटना भी घटित हुई है। एक बड़े निवेश बैंकर मेरिल लिंच भी दीवालिया होते होते बचा है। इसे बैंक आव अमेरिका ने ५० बिलियन डॉलर में खरीदने का फैसला करके इसे फिलहाल के लिए जैसे-तैसे बचा लिया है। इस कंपनी का भी भारत में काफी लंबा- चौड़ा कारोबार hai।
इतना तय है के दुनिया भर में इन कंपनियों में काम करनेवाले हजारों लोगों की नौकरियों और लाखों लोगों के खरबों रुपयों का नाश हो गया है।
मानो एक दिन के लिए इतना ही पर्याप्त नहीं था, सो बीमा सहित आर्थिक क्षेत्र में और भी कई काम करनेवाली एआईजी ने भी आज ही अमेरिकी सरकार से ख़ुद को फेल होने से बचाने के लिए भरी आर्थिक मदद की गुहार लगायी है। इस कंपनी का भारत में टाटा के साथ मिल कर बीमा का काम है।
इन तीनों ही कंपनियों की बदहाली ने अमेरिका सहित दुनिया के सारे प्रमुख शेयर बाजारों को हिला के रख दिया है। मुंबई शेयर बाजार में भी ५०० अंकों से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। कल हालात और भी बुरे हो सकते हैं।
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